📝 परिचय
गर्मी के मौसम के साथ-साथ भारत में COVID‑19 एक बार फिर चर्चा में है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में नए मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। 4 जून 2025 तक देश में 4,300 से अधिक सक्रिय केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है – क्या यह सिर्फ मौसमी वायरल फीवर है या फिर एक बार फिर COVID‑19 का खतरा हमारे दरवाज़े पर है?
🧪 COVID‑19 और वायरल फीवर में फर्क कैसे पहचानें?
लक्षण | वायरल फीवर | COVID‑19 |
---|---|---|
बुखार | हल्का से तेज | अधिकतर तेज |
गले में खराश | हो सकती है | बहुत आम है |
स्वाद/गंध में कमी | नहीं | आम लक्षण |
साँस की तकलीफ | नहीं | गंभीर मामलों में |
थकावट | हल्की | बहुत ज़्यादा |
विशेषज्ञों के अनुसार, स्वाद या गंध की कमी, साँस लेने में दिक्कत, और अत्यधिक थकावट जैसे लक्षण COVID‑19 के संकेत हो सकते हैं।
🔍 COVID‑19 केस क्यों बढ़ रहे हैं?
- मौसम में नमी और गर्मी: वायरस को पनपने का अनुकूल वातावरण मिल रहा है।
- लोगों की लापरवाही: मास्क पहनना और भीड़ से दूरी बनाना लगभग बंद हो चुका है।
- कम टेस्टिंग और वैक्सीनेशन दर: पिछले महीनों में टेस्टिंग घट गई है, जिससे असली केस संख्या छुप रही है।
✅ बचाव के ज़रूरी उपाय
- मास्क पहनें, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
- हाथों को नियमित धोएं या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
- बुखार, खांसी, गंध/स्वाद में बदलाव हो तो तुरंत RT-PCR टेस्ट करवाएं।
- घर में बुजुर्ग या बच्चे हैं तो विशेष सावधानी रखें।
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए नींबू पानी, तुलसी, गिलोय और हल्दी-दूध का सेवन करें।
🩺 क्या अस्पताल में भर्ती होना ज़रूरी है?
अधिकतर मामले हल्के लक्षण वाले हैं और घर पर आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं। लेकिन अगर साँस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन लेवल < 94%, या लगातार बुखार हो**, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
📢 निष्कर्ष
गर्मी में COVID‑19 का बढ़ना हमें सतर्क रहने की चेतावनी देता है। यह समय है लापरवाही छोड़कर फिर से सजग होने का। थोड़ी सी सावधानी, मास्क और टेस्टिंग की आदत हमें और हमारे परिवार को सुरक्षित रख सकती है।

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